केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होंगी। परिणाम अप्रैल तक घोषित कर दिया जाएगा। बोर्ड की ओर से जल्द ही परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा। महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर के वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने बातचीत के दौरान बताया कि बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से प्रारंभ होकर मार्च के अंत तक पूरी होंगी। उन्होंने बताया कि 15 फरवरी से शुरू हो रही परीक्षा में आरंभिक दौर में कम परीक्षार्थियों वाले विषयों और वोकेशनल विषयों की परीक्षाएं होंगी। मुख्य विषयों की परीक्षाएं फरवरी के अंतिम सप्ताह अथवा मार्च के पहले सप्ताह से शुरू होंगी। जबकि प्रयोगात्मक परीक्षाएं जनवरी-फरवरी में होंगी।
सीबीएसई सचिव ने बताया कि 2023 तक बोर्ड पूरे परीक्षा पैटर्न को बदल देगा। इसकी शुरुआत 2020 की बोर्ड परीक्षा से होगी। उन्होंने बताया कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के 10 फीसदी सवाल परीक्षार्थियों की समझ पर आधारित होंगे। यह सवाल रटने वाले नहीं बल्कि बच्चों के क्रिएटिविटी की परख करने वाले होंगे। तीन वर्ष में पूरे परीक्षा पैटर्न को बदलकर बच्चे त्वरित निर्णय की क्षमता परखी जाएगी। उन्होंने बताया कि बोर्ड 2020 के मूल्यांकन में यह विशेष ध्यान देगा कि जो परीक्षार्थी क्रिएटिव आंसर दिया है, उसे अच्छे अंक देकर प्रोत्साहित किया जाए।
नई शिक्षा नीति में करिकुलम को रोचक बनाया जाएगा
सीबीएसई सचिव ने बताया कि सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है। विद्यार्थियों पर फोकस करने वाले रोचक करिकुलम से छात्रों का मानसिक विकास होगा। नई शिक्षा नीति में वोकेशनल कोर्स शुरू करने पर जोर होगा। उन्होंने कहा कि जिस कोर्स करने के बाद अपने देश में इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर बनते हैं, विदेशों में उसी काम में अच्छा पैसा मिलता है और उसे सम्मान के साथ देखा जाता है जबकि अपने देश में उन्हें मजदूर समझा जाता है। इस मानसिकता को बदलना होगा। नई शिक्षा नीति में अच्छे शिक्षक तैयार किए जाएंगे, शिक्षकों को बीच-बीच में ई-कंटेंट, साफ्टवेयर,एप आदि से अपडेट किया जाएगा। देखा जा रहा है कि हमारे बच्चे आठवीं तक की पढ़ाई तो पूरी कर लिए हैं परंतु उन्हें किताबी ज्ञान के अलावा कोई जानकारी नहीं है, ऐसे बच्चों के विकास के लिए कोर्स को बच्चों पर फोकस करके तैयार किया जाएगा। Discover on Google.
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