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The Indian Athletic Hima Das

उम्र मात्र 19 वर्ष और कद इतना ऊचां की हज़ार बार नतमस्तक होने का जी कर रहा। तुम अदभुत हो, अप्रतिम हो, तुम्हारे बारे में लिखने से खुद को रोक न पा रहा। भारत के हर घर में तुम्हारी चर्चा होनी चाहिए, भारत की बेटियों को 'तुम्हें'आदर्श बनाना चाहिए। मन इतना खुश और गदगद तब ही हुआ था जब पी.वी. सिंधु मेडल जीत कर और अपने खुद के सीनियर खिलाड़ी जिसे वो खुद दीदी कहकर बुलाती है बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल को हराकर साबित किया था कि ये है भारत नया भारत, सम्भावनाओं से परिपूर्ण भारत।।

आज यू ट्यूब पर वो वीडियो देख रहा था जिसमें तुमने चौथा मेडल जीता था। वो अंग्रेज़ कॉमेंटेटर बार बार लगातार चिल्ला रहा था उस अमेरिकन चैंपियन का नाम लेकर लेकिन अचानक वो गला फाड़कर चिल्लाने लगा, शायद उसे अपने आंखों पर भरोसा ना हो रहा होगा..वो बोला-"the indian athletic Hima Das..She can see the line..She can see the history..Oh my god.. Brilliant..Back to back.., gold medal...Here is the indian champion athlete Hima Das..ohooo it's amazing....", सुनकर रोयें खड़े हो उठे थे मेरे। तुम गजब दौड़ी बिजली की तरह, सभी धावकों को चीरती हुई मानो तुम हवा में थी ।

इतना खूबसूरत और गर्व से भरा पल...हिमा तुम्हें अनन्त शुभकामनाएं ।।

तुम्हारे बारे में कुछ जानकारियाँ जो नेट से प्राप्त कीताकि हर घर की बेटी की जुबान पर तुम्हारा नाम हो।

ट्रैक स्पर्धा में आने से पहले, हिमा फुटबॉल में रुचि रखती थीं।।अपने स्कूल समय में हिमा लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थीं। निपोन (हिमा की कोच) ने हिमा को अंतर-जिला प्रतियोगिता के दौरान देखते हुए कहा कि “हिमा ने सबसे सस्ते स्पाइक्स पहन रखे हैं और इसके बावजूद भी वह 100 मीटर और 200 मीटर की दौड़ में स्वर्ण जीत जाती हैं, वह हवा की तरह दौड़ रही थी, अपने संपूर्ण जीवन में मैंने इतनी कम उम्र में ऐसी प्रतिभा नहीं देखी।”

निपोन ने हिमा पर गांव से 140 किमी दूर गुवाहाटी में स्थानांतरित होने के लिए दबाव डाला और उसे आश्वस्त किया कि उनके पास एथलेटिक्स में सुनहरा भविष्य है। शुरुआत में उनके माता-पिता गुवाहाटी भेजने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन बाद में वह भी सहमत हो गए।

हिमा का जन्म असम राज्य के नगाँव जिले के कांधूलिमारीगाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम रणजीत दास तथा माता का नाम जोनाली दास है। उनके माता पिता चावल की खेती करते हैं। ये चार भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं।

हिमा हमेशा हम सबके लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेंगी। शुभकामनाएं और प्रार्थना है ईश्वर से की आपको दुनिया के हर दौड़ में वो सफल बनायें और आप भारत के लिए मेडल जीतती रहो।।


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