केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने विवादास्पद स्वयंभू बाबा स्वामी नित्यानंद के आश्रम के लिए भूमि पट्टे पर देकर सरकारी नियमों का उल्लंघन करने के मामले में अहमदाबाद के हीरापुर में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) की मान्यता रविवार को रद्द कर दी। सीबीएसई ने एक आदेश में कहा कि गुजरात सरकार द्वारा दी गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अहमदाबाद के बाहर हीरापुर स्थित स्कूल ने ''फर्जी एनओसी के जरिए सीबीएसई की मान्यता हासिल की। इस रिपोर्ट के आधार पर स्कूल की मान्यता ''तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है।
बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को 2020 की बोर्ड परीक्षा में बैठने और नौवीं एवं 11वीं कक्षा के छात्रों को सीबीएसई से पास के मान्यता प्राप्त स्कूलों में स्थानांतरित करने की अनुमति दी।
आदेश में कहा गया, ''स्कूल ने यह भी कहा है कि धार्मिक संस्था को दी गई जमीन स्कूल परिसर का हिस्सा नहीं है। यह बयान राज्य शिक्षा विभाग के जांच परिणाम के विपरीत है।
डीपीएस स्कूल की मान्यता रद्द होने के बाद छात्रों, अभिभावकों का प्रदर्शन गुजरात के अहमदाबाद में दस्तावेजों की गड़बड़ी और धोखाधड़ी के चलते दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस ईस्ट) की मान्यता रद्द होने के बाद आज इसके छात्र और अभिभावक हीरापुर स्थित स्कूल के समक्ष प्रदर्शन करने के लिए जुट गये। विवादास्पद धर्मगुरू नित्यानंद के यहां के आश्रम को गैरकानूनी तरीके से लीज पर जमीन देने के कारण इसके प्रधानाध्यपक की गिरफ्तारी के बाद मामले की विस्तृत छानबीन के दौरान पता चला कि इस स्कूल के पास कक्षा एक से आठ तक सीबीएसई की मान्यता थी ही नहीं। इसे बंद कर दिया गया है और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने इसके छात्रों को आसपास के स्कूलों में स्थानांतरित करने की बात कही है। हालांकि 1० वीं और 12 वीं के छात्रों को संबंधित बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गयी है।
छात्रों और अभिभावकों ने उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल को चालू रखने का आग्रह शिक्षा विभाग से भी किया।
गौरतलब है कि इसके एक पूर्व प्राचार्य और दो ट्रस्टियों को भी मान्यता के मामले में धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज मामले में आरोपी बनाया गया है। उधर सीबीएसई की एक टीम कल यहां आने की संभावना है जो पूरे मामले को देखेगी।
सीबीएसई के डीपीएस से संबंध खत्म करने के मामले में परिजनों ने गुजरात सरकार को दोषी ठहराया गुजरात के अहमदाबाद में दिल्ली पब्लिक स्कूल (पूर्व) में दाखिला लिये हुए छात्रों के परिजनों ने स्कूल से एफिलिएशन खत्म करने के सीबीएसई के फैसले के खिलाफ आक्रोश प्रकट करते हुए सरकार पर समय रहते कोई कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया।
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